પૃષ્ઠ:Nitya Manan.pdf/૧૭

વિકિસ્રોતમાંથી
આ પાનું પ્રમાણિત થઈ ગયું છે.

आशा अमर है । उसकी आराधना कभी निष्फल नहीं होती ।

२२-१०-’४४
 

આશા અમર છે. તેની આરાધના કદી નિષ્ફળ નથી જતી.

૨૨-૧૦-’૪૪
 

मेरे पास बैठने में कोई हानि नहीं है, लेकिन ऐसे वक़्त पर, जैसे महादेव करता था और कृपालानी, तकली चलाना । पीछे ईश्वरके समयकी चोरी नहीं होगी । तकली हमारा मूक मित्र है । कुछ आवाज़ ही नहीं करती, और जगतके लिए जो धागा चाहिये उसे निकालती रहती है । तकली चलाते समय हम सब कुछ देख सकते हैं और सुन सकते हैं । मैं तो यहाँ तक जाता हूँ कि ईश्वर-कृपा होगी तो इस तरह कर्ममें जुते हुए रहनेसे कान भी खुल जाय । लेकिन जब इस तरह कर्मयोगी बनोगे, तब कानकी परवाह थोड़ी रहेगी । वानर-गुरु

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